वैसे तो सभी राजनीतिक दलों को यह दोष अपने सिर लेना होगा कि उन्होंने आम तौर पर ऐसे प्रत्याशियों का चयन किया जिन्हें जनता पसंद नहीं करती है, लेकिन केंद्र में सत्ताधारी गठबंधन संप्रग को इस संदर्भ में सबसे अधिक गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बर्ताव करने के लिए कहीं अधिक दोष दिया जाएगा।